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ठगी से जूडा हुआ एक और मामला सामने आया है ‘Trump Hotel Rental’ ऐप घोटाले ने कर्नाटक के निवेशकों को 2 करोड़ रुपये का चूना लगाया, क्लिक करें जाने..

ठगी से जूडा हुआ एक और मामला सामने आया है 'Trump Hotel Rental'

ठगी से जूडा हुआ एक और मामला सामने आया है 'Trump Hotel Rental'

शुरुआत में निवेशकों को छोटी रकम निवेश करने के लिए कहा गया। कुछ निश्चित कार्य पूरे करने के बाद उनका निवेश बढ़ गया और उन्हें बड़ी रकम निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया

Donald Trump Hotel Rental Scheme: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राजनीति और कूटनीति की दुनिया में तो छाए ही रहते हैं. इस बीच उनके नाम पर ठगी का धंधा भी खूब फल फूल रहा है. उनके नाम पर ठगी का एक मामला सामने आया है जिसमें भारत के एक वकील को लाखों रुपये का चूना लग गया. दरअसल, कर्नाटक के हावेरी जिले में एक 38 वर्षीय वकील साइबर ठगों का शिकार बन गया. ठगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर एक फर्जी निवेश योजना बनाई और वकील को लाखों रुपये का चूना लगा दिया. पुलिस ने बताया कि ठगों ने एक एआई जनरेटेड वीडियो का इस्तेमाल किया जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति कथित तौर पर ऊंचे मुनाफे का वादा कर रहे थे. इस मामले की जानकारी 6 मई को तब सामने आई जब पीड़ित ने हावेरी सेंट्रल क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की.

वकील ने अपनी शिकायत में बताया कि इस साल जनवरी में उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप होटल रेंटल में निवेश का मौका दिया गया था. वीडियो में दिखाया गया था कि यह निवेश बहुत लाभकारी है. जब उन्होंने वीडियो में दिए गए लिंक पर क्लिक किया तो उन्हें एक मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा गया. इसके बाद उन्हें एक फॉर्म भरने को कहा गया, जिसमें उनकी बैंक खाता जानकारी और IFSC कोड जैसी संवेदनशील जानकारी मांगी गई.

पुलिस के अनुसार वकील ने निर्देशों का पालन किया और अपने खाते को सक्रिय करने के लिए 1,500 रुपये का भुगतान किया. ठगों ने उन्हें प्रतिदिन 3 प्रतिशत रिटर्न का वादा किया था. शुरुआत में वकील को कुछ रिटर्न मिले और उन्होंने अपने निवेश पर मुनाफा भी कमाया. इस शुरुआती सफलता से भरोसा जीतकर ठगों ने उन्हें और पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित किया. ठगों ने यह कहा कि इससे उनकी कमाई दोगुनी हो जाएगी

6 लाख का चूना

वकील ने भरोसा करके 25 जनवरी से चार अप्रैल के बीच विभिन्न बैंक खातों, UPI आईडी और डिजिटल वॉलेट्स में कुल 5,93,240 रुपये जमा किए. लेकिन अप्रैल के बाद उन्हें कोई रिटर्न नहीं मिला और उनका निवेश किया हुआ पैसा भी वापस नहीं हुआ. जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने छह मई को हावेरी सेंट्रल क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की.

पुलिस ने इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है. जांच के दौरान पता चला कि वकील को एक फर्जी लिंक के जरिए ठगा गया था. पुलिस ने उस बैंक खाते में 1.5 लाख रुपये फ्रीज कर दिए, जिसमें पीड़ित ने पैसे ट्रांसफर किए थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच अभी जारी है और ठगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.

पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करने की अपील की है. पुलिस ने अपने बयान में कहा कि यह सामने आया है कि ट्रंप होटल रेंटल स्कीम जैसे फर्जी लिंक के जरिए देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी हुई है. ये स्कीम पैसे को दोगुना करने का झूठा वादा करती हैं. जनता से अनुरोध है कि वे अज्ञात लिंक को नजरअंदाज करें और सावधानी बरतें.

यह मामला केवल हावेरी तक सीमित नहीं है. बेंगलुरु, तुमकुरु और मंगलुरु जैसे शहरों में भी इस तरह की ठगी की घटनाएं सामने आई हैं. हावेरी में ही 15 से ज्यादा लोग इस स्कैम का शिकार बन चुके हैं. पुलिस के अनुसार ठगों ने AI-जनरेटेड वीडियो और एक फर्जी ऐप का इस्तेमाल करके लोगों को लुभाया. इस ऐप में यूजर्स को कंपनी प्रोफाइल लिखने जैसे छोटे-छोटे काम दिए गए, और उनके डैशबोर्ड पर नकली मुनाफा दिखाया गया, जो वास्तव में कभी मिला ही नहीं.

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